Baat Saaki Ki

Chitra Singh, Jagjit Singh

बात साक़ी की न टाली जाएगी बात साक़ी की न टाली जाएगी कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी बात साक़ी की न टाली जाएगी देख लेना वो न खाली जाएगी देख लेना वो न खाली जाएगी आह जो दिल से निकाली जाएगी आह जो दिल से निकाली जाएगी ग़र यही तर्ज़-ए-फुगाँ है अन्दलीब ग़र यही तर्ज़-ए-फुगाँ है अन्दलीब तू भी गुलशन से निकाली जाएगी कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी बात साक़ी की न टाली जाएगी आते-आते आएगा उनको ख़याल आते-आते आएगा उनको ख़याल जाते-जाते बेख़याली जाएगी जाते-जाते बेख़याली जाएगी क्यू नहीं मिलती गले से तेग़-ए-नाज़ क्यू नहीं मिलती गले से तेग़-ए-नाज़ ईद क्या अब के भी खाली जाएगी कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी देख लेना वो न खाली जाएगी (देख लेना वो न खाली जाएगी) आह जो दिल से निकाली जाएगी (आह जो दिल से निकाली जाएगी)

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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