मेरे सर पे होगी धुन तेरी
तेरे सर पे मेरा फ़ितूर होगा
मुझे तुमपे नाज़ है जितना
तुम्हें मुझपे उतना ग़ुरूर होगा
मैं लैला की तरह
तू मजनू सा मशहूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
चाँदनी से धूप तक वहीं पे बिखरेगी
जिस जगह मिलेंगे हम ये देखना
आसमाँ भी टूटेगा ज़मीं भी पिघलेगी
जिस जगह मिलेंगे हम ये देखना
बेचैनियों का समाँ रहेगा
होगा ये भी देखना
दर्द में ये जहाँ रहेगा
होगा ये भी देखना
हाँ यही होगा
थोड़ा थोड़ा तेरा होगा
थोड़ा थोड़ा मेरा क़ुसूर होगा
मुझे तुमपे नाज़ है जितना
तुम्हें मुझपे उतना ग़ुरूर होगा
मैं लैला की तरह
तू मजनू सा मशहूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
Written by: ABHENDRA KUMAR UPADHYAY, VISHAL MISHRALyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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