हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म
बेख़याली, में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ बिछड़ना, है ज़रूरी
ये सवाल आए
तेरी नज़दीकियों, की ख़ुशी
बेहिसाब थी
हिस्से में फ़ासले, भी तेरे
बेमिसाल आए
मैं, जो तुमसे दूर हूँ
क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ
आ, तू फासला मिटा
तू ख़्वाब सा मिला
क्यूँ ख़्वाब तोड़ दूँ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ
बेख़याली में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ जुदाई दे गया तू
ये सवाल आए
थोड़ा सा मैं खफ़ा, हो गया
अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी, बेवजह
ही मलाल आए
रातें, देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ, कैसे तुझे
तू तो ख़यालों में साथ है
बेख़याली में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ बिछड़ना, है ज़रूरी
ये सवाल आए
हे हे हे हे हे
हो हो ओ हो ओ हो हो हे हे हे हे हे
नज़रों के आगे, हर इक मंज़र
रेत की तरह, बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा, बदन में मेरे
ज़हर की तरह, उतर रहा है
नज़रों के आगे हर इक मंज़र
रेत की तरह, बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा, बदन में मेरे
ज़हर की तरह, उतर रहा है
Written by: IRSHAD KAMIL, PARAMPARA, SACHETLyrics © Universal Music Publishing Group, O/B/O DistroKidLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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