Kona Kona Dil Ka

देवकी पंडित

कोना कोना दिल का गुनगुनाये रे बादलों से चाँद मुस्कुराये रे सपनों में क्यों अब हंसी आयी रे रातें भी हंसी लगे हाय रे हसरतों का जाम फिर उठाया रे आशिकी का जशन मनाया रे छलते छलते खुद ही छली गयी मैं चलते चलते कहाँ तक चली गयी छलते छलते खुद ही छली गयी मैं चलते चलते कहाँ तक चली गयी अब क़दमों को ठहराना हर खाली को भरना है अब क़दमों को ठहराना हर खाली को भरना है कोना कोना दिल का गुनगुनाये रे बादलों से चाँद मुस्कुराये रे ??????? ??????? धड़कन धड़कन ज़रा सी बेहक रही है चन्दन चन्दन जैसी महक रही धड़कन धड़कन ज़रा सी बेहक रही है चन्दन चन्दन जैसी महक रही इश्क़ को पार उतरना जो न सोचा वह करना है इश्क़ को पार उतरना जो न सोचा वह करना है कोना कोना दिल का गुनगुनाये रे बादलों से चाँद मुस्कुराये रे सपनों में क्यों अब हंसी आयी रे रातें भी हंसी लगे हाय रे हसरतों का जाम फिर उठाया रे आशिकी का जशन मनाया रे

Written by: SANDEEP CHOWTA, SANDEEP NATHLyrics © Peermusic PublishingLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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