Subeh Dekh Li

अंकित तिवारी

जिसका कभी था ज़िकर सा मैंने वो सुबह देखली जिसका मिलना था कुफ्र सा मैंने वो सुबह देखली हर पल चलते ये इस शहर में सोता नहीं किसी पहर मैं जिसका सजदा है शुक्रसा हा मैंने वो सुबह देखली देखली देखली (पा पा प प रा) वो सुबह देखली (पा पा प प रा) देखली देखली (पा पा प प रा) वो सुबह देखली (पा पा प प रा) खुदसे भी मिलनेको कूच दम है न न ना ना ना रा रा मंज़िल नहीं पर राहों का शोर है रातों को चूमने तारे भी जल पड़े सूरज को ढूढ़ने जुगनू भी चल पड़े जुगनू चल पड़े जुगनू चल पड़े देखली देखली (पा पा प प रा) वो सुबह देखली (पा पा प प रा) देखली देखली (पा पा प प रा) वो सुबह देखली (पा पा प प रा) आके आजमा तू इत्मीनान से न न ना ना ना रा रा मेरे जूनून का तू इम्तिहान ले मेरे भी आखों में कितने पर लगे उड़ने को बेसब्र लेकिन हैं ये बंधे लेकिन हैं ये बंधे लेकिन हैं ये बंधे देखली देखली (पा पा प प रा) वो सुबह देखली (पा पा प प रा) देखली देखली (पा पा प प रा) वो सुबह देखली (पा पा प प रा) जिसका कभी था ज़िकर सा मैंने वो सुबह देखली जिसका मिलना था कुफ्र सा हो मैंने वो सुबह देखली देखली देखली वो सुबह देखली देखली देखली वो सुबह देखली

Written by: JOI BARUA, SUNAYANA KACHROOLyrics © Royalty Network, Peermusic PublishingLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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