Nazar Mujhse
मोहम्मद हुसैन, Ahmed Hussain
नज़र मुझसे मिलती हो
तो तुम सर्मा सी जाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
नज़र मुझसे मिलती हो
तो तुम सर्मा सी जाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
ज़बान खामोश हैं लेकिन
निगाहें बात करती हैं
ज़बान खामोश हैं लेकिन
निगाहें बात करती हैं
अदडाए लाख भिगो तुम
अदडाए बात करती हैं
नज़र नीची किए दांतो में
उंगली को दबाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
च्छुपाने से मेरी जानम
कहीं क्या प्यार च्छुपता हैं
च्छुपाने से मेरी जानम
कहीं क्या प्यार च्छुपता हैं
मेरे मुस्कु हाइयन खुसबू
हमएसा देता रहता हैं
तुम को सब जानती हो
फिर भी क्यूँ मुझको सताती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
तुम्हारी प्यार का ऐसा
हूमें इज़हार मिलता हैं
तुम्हारी प्यार का ऐसा
हूमें इज़हार मिलता हैं
हमारा नाम सुनते ही
तुम्हारा रंग खिलता हैं
और फिर साज़ दिल पर
हुमारे गीत गाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
तुम्हारे घर में जब अओन
तो च्छूप जाती हो पर्दे में
तुम्हारे घर में जब अओन
तो च्छूप जाती हो पर्दे में
मुझे जब देखा ना पाओ
तो घभरतो हो पर्दे में
खुद ही चिलमन उठाके फिर
इशारो से बुलाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
नज़र मुझसे मिलती हो
तो तुम सर्मा सी जाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं
नज़र मुझसे मिलती हो
तो तुम सर्मा सी जाती हो
इसी को प्यार कहते हैं
इसी को प्यार कहते हैं.
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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