Kya Dekhte Ho

अभिजीत सावंत, ऐश्वर्या मजमुदार

क्या देखते हो क्या चाहते हो क्या देखते हो सूरत तुम्हारी क्या चाहते हो चाहत तुम्हारी ना हम जो केहदें केह ना सकोगी लगती नहीं ठीक नीयत तुम्हारी क्या देखते हो सूरत तुम्हारी क्या चाहते हो चाहत तुम्हारी ना हम जो केह दें केह ना सकोगी लगती नहीं ठीक नीयत तुम्हारी क्या देखते हो सूरत तुम्हारी रोज़ रोज़ देखूँ तुझे नई नई लगे मुझे अंगों में अमृत की धारा तेरे अंगों में अमृत की धारा दिल लेने के ढंग तेरे सीखे कोई रंग तेरे बातों का अन्दाज़ प्यारा तेरी बातों का अन्दाज़ प्यारा शरारत से चेहरा चमकने लगा क्यों शरारत से चेहरा चमकने लगा क्यों ये रंग लाई है संगत तुम्हारी क्या देखते हो सूरत तुम्हारी क्या चाहते हो चाहत तुम्हारी ना हम जो केह दें केह ना सकोगी लगती नहीं ठीक नीयत तुम्हारी सोचो ज़रा जान ए जिगर बीतेगी क्या तुम पे अगर हमको जो कोई चुरा ले तुमसे हमको जो कोई चुरा ले किसी ने जो तुम्हें छीना नामुमकिन है उसका जीना कैसे नज़र कोई डाले तुम पे कैसे नज़र कोई डाले प्यार पे अपने इतना भरोसा प्यार पे अपने इतना भरोसा मिटना मोहब्बत में फितरत हमारी क्या देखते हो सूरत तुम्हारी क्या चाहते हो चाहत तुम्हारी ना हम जो केह दें केह ना सकोगी ओ लगती नहीं ठीक नीयत तुम्हारी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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