Ek Nazar

Angel Rai, ज़ुबीन गर्ग

तेरी वो इक नज़र च्छू गयी इस कदर खोता ही जा रहा, मुझसे मेरा सबर कैसा है ये नशा कैसा खुमार है ख्वाबों की है ज़मीन सिर्फ़ तेरी प्यास है ढूनदा करूँ अब रात दिन तेरे निशान तेरे निशान तेरे बिन जी नहीं पऔन माहिया मार भी ना पऔन, माहिया करूँ तो मैं क्या करूँ माहिया जानू, ना जानू ना तेरा ही ख़याल है तेरी ही तो है फिकर मेरी हर बात पे तेरा ही तो है ज़िकार मुझपे पढ़े तेरा करम बस अब यही है इलतेजा तेरे बिन जी नही पौन अब माहिया मार भी ना पऔन अब माहिया करूँ तो मैं क्या करूँ माहिया वे जानूँ ना, ना जानूँ ना मंज़िलें तूही है तूही तो है रास्ता जौन तो जौन अब तेरे बिन बता मैं कहाँ मिल जाओ ना, ओह अब तुम मुझे पूरी हो ये दास्तान तेरे बिन जी नही पौन अब माहिया मार भी ना पऔन अब माहिया करूँ तो मैं क्या करूँ माहिया वे जानूँ ना, ना जानूँ ना

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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