Munasib

Vishal Mishra, आनंदी जोशी

दिल जरा जरा है भरा भरा हो रहा है क्या क्या पता ये जमीं लगे आसमां हुई जादू क्या है ये क्या पता ऐसे तो कोई ख़ास बात है नहीं तू है तो जिंदगी ये कीमती लगे मिला तू लगा ये हाय मुनासिब है इश्क का हो जाना मुनासिब है इश्क का हो जाना ये लो चबाओ Height तो अच्छी हे तुम्हारी फिर सब नाटे नाटे क्यूँ कहते हे १० वी तक बढ़ नई रहे थे फिर एकदम से बढ़ गये तब तक लवनडे बुलाना चालू कर दिए थे एक बात पूछे यार तुम अकेली रहती हो वो सनमवा तुम्हे जिम्मितन बुलाता हे तुम हो कौन हाँ नीलम नीलम जानना ज़रूरी है कुछ नई जानना वान्ना ह्म क्या गलत है क्या सही है दिल ये जानता नहीं है एक धून चढ़ी जा रही हसरते ये बावली सी सोचती नही है कुछ भी तुझ तक बढ़ी जा रही तू मुझे जो आँख आँख भर के देखे सब सही सही लगे मिला तू लगा ये हाय मुनासिब है इश्क का हो जाना (मुनासिब है इश्क का हो जाना)

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