Mask Kho Gaya
विशाल डडलानी
रात खवाबों मैं दिखा
मास्क खो गये मेरा
और गुस्से मैं किसी
ने गले लगा लिया
आए रात खवाबों मैं दिखा
मास्क खो गया मेरा
और गुस्से मैं किसी
ने गले लगा लिया
डरके मारे नींद मैं
भागे एसए तंग से
जागने से पहेले ही
गिर गये पलंग से
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतुरू
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतुरू
ओहो रात नींद मैं देखा
ख्वाब एसा जंतरी
लोग हैं सहेर मैं ना
चोकीदार सेंट्री
एक बस बचे हैं हम
सारी कयनात मे
कोई present और ना प्रधान मंत्री
बरसे बरसे फूल
फ़ौजीओ पे आसमान से
चलते चलते migrants
मर गये थकान से
भूख से बिलख रहे थे
बच्चे बूढ़े औरते
कुछ दुखी थे कुछ न्ही
मिल रहा दुकान से
आज ज़िंदगी मैं क्या
से हसीन आ गई
झाड़ू पोछा मरने की machine आ गई(पा रा रा रा)
हम खुशी मैं जागते(पा रा रा रा)
पड़े रहे पलंग पे(पा रा रा रा)
नींद तो ना आई पर(पा रा रा रा)
Vaccine आ गई(पा रा रा रा)
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतुरू
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतु
ऋतुऋतुऋतुऋतुरू
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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