Gham Ko Dil Se

Kavita Krishnamurthy, आनंद राज आनंद, Preeti Uttam, Vinod Rathod

हा ग़म को दिल से क्या लगाना कुछ तो समझो समझो कुछ तो सब हसाए मिलके तुमको अब तो हास दो हास दो अब तो किस्मत के फैसले पे कब किसका जोर है उलझे तो सुलझे भी ये जीवन की डोर है खुशियों से खेलो घम्बा झूमे रख दो रख दो अब तो ग़म को दिल से क्या लगाना कुछ तो समझो समझो कुछ तो हो हो हो हो हो हो हो चुप होठों पे आँखे भीगी ये तो कोई बात नहीं हसने और हँसाने से बड़के कोई सौगात नहीं अरे चुप होठों पे आँखे भीगी ये तो कोई बात नहीं हसने और हँसाने से बड़के कोई सौगात नहीं जरा बताओ हमको कब चेहरे से उदासी जाएगी कौन सफल होगा होठों पे हँसी नज़र जब आएगी हा किस्मत के फैसले पे कब किसका जोर है उलझे तो सुलझे भी ये जीवन की डोर है खुशियों से खेलो घम्बा (खुशियों से खेलो घम्बा) झूमे रख दो रख दो अब तो (झूमे रख दो रख दो अब तो) ग़म को दिल से क्या लगाना कुछ तो समझो समझो कुछ तो गिरके उतना उठके चलना जीवन का दस्तूर है चेहरे पे उदासी रखना कब किसको मंजूर है गिरके उतना उठके चलना जीवन का दस्तूर है चेहरे पे उदासी रखना कब किसको मंजूर है कभी कभी लेकिन जब कोई बात पुराणी याद आये आंसू बनके मोती खुद ही पलकों पे आ जाये किस्मत के फैसले पे कब किसका जोर है उलझे तो सुलझे भी ये जीवन की डोर है खुशियों से खेलो घम्बा (खुशियों से खेलो घम्बा) झूमे रख दो रख दो अब तो (झूमे रख दो रख दो अब तो) ग़म को दिल से क्या लगाना (ग़म को दिल से क्या लगाना) कुछ तो समझो समझो कुछ तो (कुछ तो समझो समझो कुछ तो) किस्मत के फैसले पे (किस्मत के फैसले पे) कब किसका जोर है (कब किसका जोर है) उलझे तो सुलझे भी ये (उलझे तो सुलझे भी ये) जीवन की डोर है (जीवन की डोर है) खुशियों से खेलोखुशियों से खेलो घम्बा (खुशियों से खेलो घम्बा) झूमे रख दो रख दो अब तो (झूमे रख दो रख दो अब तो) ग़म को दिल से क्या लगाना (ग़म को दिल से क्या लगाना) कुछ तो समझो समझो कुछ तो (कुछ तो समझो समझो कुछ तो) ओ ओहो ओहो ओहो ओहो ओहो ओहो ओहो ओहो

Written by: Anand RajLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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