Muskurane Ke Bahane
Kavita Krishnamurthy
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
हर घड़ी मोसां सुहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
थपकीया आवा की
मेरी नींद में
शमाइल हैं अभी
थपकीया आवा की
मेरी नींद में
शमाइल हैं अभी
यादो के कितने ख़ज़ाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
यादो के कितने ख़ज़ाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
हर घड़ी मोसां सुहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
वक़्त ने खुलके
सुनाए नही अब तक जो कभी
वक़्त ने खुलके
सुनाए नही अब तक जो कभी
महके महके वो तराने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
महके महके वो तराने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
हर घड़ी मोसां सुहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
जानते हैं के
कभी लॉआट के आएँगे नही
जानते हैं के
कभी लॉआट के आएँगे नही
फिर भी वो गुज़रे ज़माने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
फिर भी वो गुज़रे ज़माने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
हर घड़ी मोसां सुहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
सुर्ख जुड़ा ही नही
माँग में सिंदूर नही
सुर्ख जुड़ा ही नही
माँग में सिंदूर नही
आज क्यूँ रिश्ते पुराने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
आज क्यूँ रिश्ते पुराने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
हर घड़ी मोसां सुहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
मुस्कुराने के बहाने
ढूँढती हैं ज़िंदगी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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