Rimjhim Gire Sawaan
सुरिंदर खान
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम मे
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम मे
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम मे
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
मेहफिल मे कैसे केह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
मेहफिल मे कैसे केह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करें अब क्या जतन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम मे
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
आ आ आ आ आ
Written by: YOGESH, ZOHEB KHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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