Masakali

Sreerama Chandra

ऐ मसाकली मसाकली उड़ मटक कली मटक कली ऐ मसाकली मसाकली उड़ मटक ज़रा पंख झटक गई धूल अटक और लचक मचक के दूर भटक उड़ डगर-डगर कसबे कुचे नुक्कड़ बस्ती में ये ये ये Hold up hold up we have to migration रिक्षा रिक्षा १८० वाला १५० १८० वाला १५० ह्म घर तेरा सलोनी बादल की colony दिखला दे ठेंगा इन सबको जो उड़ना ना जाने बहोट चांगला Madam को चाइ पिलाओ उड़ियो ना डरियो कर मनमानी मनमानी मनमानी बढ़ियो ना मुड़ियो कर नादानी तन तान ले मुस्कान ले कह सना नाना नाना हवा बस ठान ले तू जान ले कह सना नाना न न न हवा १८० वाला १५० १८० वाला १५० तुझे क्या गम तेरा रिश्ता गगन की बांसुरी से है पवन की गुफ्तगू से है सूरज की रोशनी से है उड़ियो ना डरियो कर मनमानी मनमानी मनमानी बढ़ियो ना मुड़ियो कर नादानी मसाकली मसाकली मटक कली मटक कली मसाकली मसाकली हे मसाकली मटक कली मटक कली मसाकली मटक कली मसाकली मटक कली मटक कली अंडा केसे दिया भाव बताओ भाव बताओ भैया भाव बताओ १८० वाला १५० १८० वाला वाला वाला १५०

Written by: A. R. Rahman, Joshi PrasoonLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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