सलोने आ सलोने आ
सलोने क्या तूने
प्रेम का शस्त्रा पढ़ा
सलोने क्या तूने
प्रेम का शस्त्रा पढ़ा
हो कोई आए तो
मन को भाए तो
होती है क्या दशा
सुननी है क्या सारी कथा
सुननी है क्या सारी कथा
सलोने आ
सलोने आ
कैसी अगन सुलगती है होंटो में
कैसा धुआ घिर आता है नैनो में
कैसी अगन सुलगती है होंटो में
कैसा धुआ घिर आता है नैनो में
क्यूँ बातें करती है परच्छाइयाँ
क्यूँ आने लगती है अंगड़ाइयाँ
तन सताए क्यूँ थरथराए क्यूँ
जागे क्यूँ कामना
सुननी है क्या सारी कथा
सलोने आ
सलोने आ
ओ चंचल सुंदरी बाला
मुझे पता नही था
हर युग में जनम लेती है
यहाँ कोई मेनका
ओ प्रेम का बंधन है आलिंगन
कैसे तुमसे कहूँ
प्रेम संदेसा होता है चुंबन
इसमे संकोच क्यूँ
यह जो सुविधा है
वो ही दुविधा है
इसको कहु और क्या
सुननी है क्या सारी कथा
सलोने क्या तूने
प्रेम का शस्त्रा पढ़ा
सलोने क्या तूने
प्रेम का शस्त्रा पढ़ा
हो कोई आए तो
मॅन को भाए तो
होती है क्या दशा
सुननी है क्या सारी कथा
सुननी है क्या सारी कथा
Written by: JAVED AKHTAR, SOHAIL SENLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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