Bikhri Bikhri

सोहेल सेन, मेरिन डीक्रूज़

हे हे रे रे रे रे रे रे बिखरी बिखरी सी ज़ूलफें हैं क्यूँ खोई खोई सी आँखें हैं क्यूँ गम का यह पल गुज़र जाएगा फिर कोई हमसफ़र आएगा बिखरी बिखरी सी ज़ूलफें हैं क्यूँ खोई खोई सी आँखें हैं क्यूँ गम का यह पल गुज़र जाएगा फिर कोई हमसफ़र आएगा हे हे रे रे रे रे रे रे ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ बीते पल भूल जा वो पल नहीं हैं कहीं लाएँगे पल नये एक ज़िंदगी फिर हसीन यह भीगी पलकें उठा यह सोच के मुस्कुरा लाएगा फिर समय कोई ज़माना ऐसा यहाँ फिर चलेगी हवा मनचली फिर से महकेगी कोई कली फिर कोई हमसफ़र आएगा दिल कोई गीत फिर गाएगा हे हे रे रे रे रे रे रे रात लंबी सहे फिर भी यह एक रात है सुबह हो जाएगी सौ बातों की बात है फिर जागेगी यह फ़िज़ा फिर दिल का एक रास्ता ले जाएगा वहीं तुझे तेरे है मंज़िल जहाँ सच तो यह है की होना है यूँ तो इन आखों में आसू है क्यूँ गम ना कर तू जो मुरझा गये फूल खिल जाएँगे फिर नये हे हे रे रे रे रे रे रे

Written by: JAVED AKHTAR, SOHAIL SENLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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