Din Aur Raatein

सिद्धांत भोसले

दिन और रातें बहते ही जायें ज़िंदगी थम सी गयी है जीतने दूर हम उतने क़रीब हैं दिल को कैसे बतायें फ़ासले भी ज़रूरी हैं नज़दीकियाँ बढ़ाने को (हो हो) दिन और रातें (हो हो) बहते ही जायें रे (जायें रे) ज़िंदगी थम सी गयी है (ओओ) जीतने दूर हम (ओओ) उतने क़रीब हैं दिल को कैसे बतायें स्क्रोलिंग ध डे अवे स्लीपलेस एट नाइट कॉस आई मिस यू आई नो वी’ल्ल गेट थ्रू ये अभी अभी मिला था तुमसे अभी अभी जुदा हुआ क्यूँ जानू ना जानू ना हो हो अभी अभी तो सब सही था अभी अभी रुका है सब क्यूँ जानू ना पर रुकते ना यह( हो हो) दिन और रातें (हो हो) बहते ही जायें रे ज़िंदगी थम सी गयी है (ओओ) जीतने दूर हम (दूर हम) उतने क़रीब हैं (उतने क़रीब हैं) तुमको मिलके बताएँगे

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