Mann Ki Titliyaan

शिवांगी भायना

उमर की उस दहलीज़ पे लगते जहा अरमाँको पर नींदे रख अपनी पांक पर सपनो के संग अब जाग कर उड़े हम उड़े उड़े खुले आकाश पर मन के तितलियाँ (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ हू (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ (मन के तितलियाँ) फूलों के गोद में बैठे है उसमे दोनों ही चाँद पे गये है कुछ सोचने फूलों के गोद में बैठे है उसमे दोनों ही चाँद पे गये है कुछ सोचने उड़े हम उड़े उड़े खुले आकाश पर मन के तितलियाँ (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ हू (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ (मन के तितलियाँ) मन की तितलियाँ

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