चंद लम्हें, बस ख़ुशी के
और फिर ख़ाली सूना सा आँगन
चंद लम्हें, बस ख़ुशी के
और फिर ख़ाली सूना सा आँगन
वो ही अँधियारी काली रातें
वो ही अँधियारे सूने से दिन
वो ही ख़ामोशी हर पल चार सू
वो ही तन्हाई हर सू हर दम
तू गया तो रुकी सारी साँसें
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
चंद लम्हें, बस ख़ुशी के
दिल धड़कना ही जैसे हो भूल गया
पल गुज़रता-गुज़रता यूँ थम सा गया
साँसें पत्थर हुई रूह पत्थर हुई
लफ़्ज़ों का साथ इज़हार ने छोड़ दिया
नम है आँखें, राह पुर संग
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
चंद लम्हें, बस ख़ुशी के
हूंक उठती है हाय दिल के आगोश में
कैसे ढूँढू तुम्हें तुम कहाँ खो गए
ज़िन्दगी में तूफानों का मजमा लगा
ता नज़र सन्नाटे के दायरे बने
धुंध ही धुंध, ना ही तू मेरे संग
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
चंद लम्हें, बस ख़ुशी के
और फिर ख़ाली सूना सा आँगन
वो ही अँधियारी काली रातें
वो ही अँधियारे सूने से दिन
वो ही ख़ामोशी हर पल चार सू
वो ही तन्हाई हर सू हर दम
तू गया तो रुकी सारी साँसें
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
मर भी जाएँ तो अब नहीं कोई ग़म
Written by: ASMA, DANIEL B GEORGELyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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