Kuch Na Kaho

Shibani Kashyap

कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो क्या कहना है क्या सुनना है मुझको पता है तुमको पता है समय का यह पल थम सा गया है और इश्स पल मैं कोई नही है बस एक मैं हू बस एक तुम हो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो कितने गहरे हलके, शा म के रंगरं हैं छलके परबत से यूँ उतरे बादल, जैसे आँचल ढलक कितने गहरे हलके, शा म के रंगरं हैं छलके परबत से यूँ उतरे बादल, जैसे आँचल ढलक और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हूँ कुछ ना कहो , कुछ भी ना कहो

Written by: JAVED AKHTAR, R D BURMANLyrics © O/B/O CAPASSOLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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