Aage Peeche

Sneha Pant, अकबर सामी, Shekhar Ravjiani

क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह क्यों देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह क्यों देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह क्या मेरे दीवाने हो नहीं नहीं क्या कोई परवाने हो नहीं नहीं क्या मेरे दीवाने हो क्या कोई परवाने हो काम क्या है मुझसे इतना कह दो जी ज़रा बोल दे प्यार है खामोश क्यों है खड़ा हम अगर होते तो बोल दिया होता क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह क्यों देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह आह आह आह आहा खिड़की पे मेरी क्यों रखते हो अंखिया करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ खिड़की पे मेरी क्यों रखते हो अंखिया करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ मेरे लिए आते हो नहीं तोह गीत गुनगुनाते हो ना ना मेरे लिए आते हो नहीं तोह गीत गुनगुनाते हो बात क्या है दिल में तुम्हारे तुमको ही पता छोड़ दे यह शर्म तू पास उसको बुला हम अगर होते तो बुला लिया होता क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह क्यों देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह आहा आहा आहा आहा आहा आहा हाथों में क्यों है यह सोने का कंगना तुमको पहनाके ले जाऊँगा अंगना सजनी बनाओगे हां जी हां जी हां जान भी लुटाओगे अरे हां जी हां जी हां सजनी बनाओगे जान भी लुटाओगे आज हम कहते है तुमसे प्यार हो गया हाथ यह थामकर कहा पे तू है चला अपना भी शुक्रिया कर दिया होता हम आगे पीछे डोलते है भंवरों की तरह हम देखते है तुमको यूँ बेसब्रों की तरह क्या मेरे दीवाने अरे हां जी हां जी हां क्या कोई परवाने अरे हां जी हां जी हाजी हां क्या मेरे दीवाने हो क्या मेरे परवाने हो आज हम कहते है तुमसे प्यार हो गया

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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