वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
सपनो और हक़ीकतो मे जी रहा हूँ मैं
जो नही था चाहता वो कर रहा हूँ मैं
सपनो और हक़ीकतो मे जी रहा हूँ मैं
जो नही था चाहता वो कर रहा हूँ मैं
फस गया उलझ गया मैं किस बवाल मे
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
हे क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
दुनिया जाए चाँद पे मुझे है क्या पड़ी
मुझे है क्या पड़ी के क्या बजाती है घड़ी
दुनिया जाए चाँद पे मुझे है क्या पड़ी
मुझे है क्या पड़ी के क्या बजाती है घड़ी
आँख खोल सौ या के नींद मे चलूं
सौ जागू जागी सौ सोता ही राहु
अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ हर हाल मे
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
रोज दस से पाँच अपनी लग गयी है वाट
चाहता था जिंदगी मे ठाट सिर्फ़ ठाट
हाय रोज दस से पाँच अपनी लग गयी है वाट
चाहता था जिंदगी मे ठाट सिर्फ़ ठाट
लोग मुझको कहते है के मैं हूँ आलसी
काम पे है मस्ती करना मेरी policy
काम वाम फालतू मेरे ख्याल मे हा
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
क्या करूँ मैं confused हूँ मैं
सपनो और हक़ीकतो मे जी रहा हूँ मैं
जो नही था चाहता वो कर रहा हूँ मैं
सपनो और हक़ीकतो मे जी रहा हूँ मैं
जो नही था चाहता वो कर रहा हूँ मैं
फस गया उलझ गया मैं किस बवाल मे
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो वो
Written by: Atik AllahabadiLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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