आवारगी
रसिका शेकर, संगीत हळदीपूर
हम्म्म हम्म्म ओ ओ
आवारगी से दिल भर गया
तेरी गली में रेहने लगा
जैसे कभी भी की ना किसीकी
तेरी फिकर में रहने लगा
तेरे आंसू पियूं मैं
कभी तुझको हंसाऊँ
तुझे दूर से देखूं
कभी दिल में बसाऊँ
तेरी खातिर जीयूं मैं
कभी तुझपे लूटाऊं
ये जान मेरी जान है तू
बस तू
आवारगी से दिल भर गया
तेरी गली में रेहने लगा
तेरे आंसू पियूं मैं
कभी तुझको हंसाऊँ
तुझे दूर से देखूं
कभी दिल में बसाऊँ
तेरी खातिर जीयूं मैं
कभी तुझपे लूटाऊं
ये जान मेरी जान है तू
बस तू
ना तू खुद का था कभी
ना खुदा का मै
तू मिला तो होगया
खुदबखूद तेरा मै
होने लगा है खुद पे
अब मुझको एकीनं
इमान बदल के मेरा
तू बदलना नहीं
तेरे ख़ुदा से मांगूं मैं क्या
मुझको दुआएं आती नहीं
तुझसे मोहब्बत कैसे करूँ मैं
मुझको वफ़ाएं आती नहीं
तुझे देखके लेकिन
ये दिल डगमगाए
मुझे आजान देकर
तू मुझको जगाये
मुझे मेरी नज़र में
तू मुझको उठाये
मेरा ईमान मेरी जान है तू
बस तू
है तू
है तू
Written by: KAUSAR MUNIR, SANGEET HALDIPURLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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