Kuch Parbat Hilaayein

सलीम मर्चंट

वो तूफ़ान क्या चकटानें जिसका मोड़ दे वो उड़ान क्या जो ऊँचाई पे दम तोड़ दे खुद पे है भरोसा रखना तुझे जीते जी नहीं है रुकना तुझे इतिहास है लिखना तुझे कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है(परबत हिलाएं) सोना है तू तप कर जो जगमगाएगा ना मुमकिन को जो मुमकिन करके दिखायेगा तुझको निभाना किरदार है तेरा दर्द तेरा हथियार है लड़ने को तू हु तैयार है(लड़ने को तू) कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है तेरे जाने के बाद भी नाम तेरा जिंदा रहे कारनामा कुछ ऐसा तुझको करना है करना है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है ना ना हू हू(पर्वत हिलाएं) कुछ पर्वत हिलाएं तो बात है

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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