Jaan Laggeya
Rishita Monga, इक्का सिंह
जाने वो दिन
वो शामें वो रातें
कहाँ चली गयी,
मुझे पुकार लें वो आवाज़ें
मैने नही सुनी
मैं तुझको ढूंड कर हूँ हारी
ये चाहा मैं तुझे रोक लून
या तुझसे सीख लून तेरी यारी
मैं खुद को बे-निशान सा कर डून
वे जान लागगेया हन
तू ना सोचेया मैं रह गयी हन तेरे बिन
तू फाह वड्डेया
मैं कतत्दा ना हिजार दा इक दिन
दिन दिन दिन दिन दिन
इश्क़ बड़ा है मुश्की
और मुश्किल इसे निभाना
यह आग का दरिया है
और डूब के पार है जाना
चाड़ना पड़ता है सूली
सूली चड के मार जाना
कुछ भी बनाना उपर वाले
पर आशिक़ नही बनाना
आह! तू क्या समझेगी की के क्या
मेरी मजबूरी है
वक़्त का मोहताज हूँ
लजना बड़ा ज़रूरी है
मेरे नसीब में तू नही
तुझे पाने की है चाहत
मैं तो हूँ शीशा
मुझको बस टूटने की है आदत
चाहे तू रो, चाहे तू हस
काट नही सकता मैं तेरे लिए नस
मुझे दे गाली और ताने तू कस
तेरे साथ प्यार अब और नही बस
और नही बस
तेरे साथ प्यार अब और नही बस
मुझे दे गाली या ताने तू कस
तेरे साथ प्यार अब और नही बस
तेरे बाजों मैं नई रहना कल्लेयन
रोंडिया अखियाँ
मेरे माही विछोरा से-सहके
जिंद तेरे बिना रूली आ
मेरे दिन रात तूही सी सज्जना
इको गलबाट तूही सी सज्जना
मुख नायो मोड़ हुंदा वे तेथो
सीने च वसाके टैनउ कॉल रखना
वे जाने लगेया हन
तू ना सोचेयान मैं रह गयी आन मैं तेरे बिन
तू फाह वड्डेया हन
मेरा कतत्दा ना हिजार दा इक दिन
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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