Rasiya

रीचा शर्मा, Bonnie Chakraborty

मछली तडपे जाल में मैं तडपू करके प्यार अंदर घट तक प्यास है और नस नस में अंगार ओ ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हा बता दे रे गोरिया है वो कौन रसिया जो मनवा चुराए इस तरह बता दे रे गोरिया है वो कौन रसिया जो मनवा चुराए इस तरह वो छलिया वो रसिया जुल्मी मन बसिया वो छलिया वो रसिया हाए जुल्मी मन बसिया नैनन से मिलाए के नैन वो लूटे निंदिया और चैन वो हा वो छलिया वो रसिया बिगड़ी बनट बनट बन गयी गोरिया मनत मनत मान गयी अग्नि जलत जलत जल गयी चुनरी ढलत ढलत ढल गयी रसिया रसिया (गोरिया मनत मनत मन गयी) छलिया(अग्नि जलत जलत जल गयी) छलिया (चुनरी ढलत ढलत ढल गयी) बता दे रे गोरिया है वो कौन रसिया जो मनवा चुराए इस तरह ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हा है कौन वो सिफाइया जो दैया रे दैया रे है मनवा चुराए मोरा ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हा मिली थी नज़र तो कब थी खबर मन में वो ऐसे विरजेगा मन भड़का तो यू धड़का क्या कोई डंका बाजेगा मैं घबराई मैं बोराई लाज बहुत मोहे आई जब सैया ने ज़ोर से कस के थाम ली मोरी कलाई फिर घिर घिर आई आके चारो और च्छाई और टूट के बरसी प्रेम बदरिया छलिया वो रसिया जुल्मी मन बसिया बिगड़ी बनट बनट बन गयी गोरिया मनत मनत मान गयी बदरिया घिरत घिरत घिर गयी बीजूरिया गिरत गिरत गिर गयी ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हा बीते नही रतिया मोरी काटते नही अब मोरे दिन वा से मिलू या ना मिलू ये भी कठिन और वो भी कठिन जो ना मिलू तो मान मोरा तडपे मोहे भी तडपए और मिलू तो ध्यान ये आए वो मोहे छोड़ ना जाए वो जो प्यार जताए कोई कैसे आज़माए जाने झूठा है या सच्चा है सवारिया छलिया वो रसिया जुल्मी मन बसिया बिगड़ी बनट बनट बन गयी गोरिया मनत मनत मान गयी नज़रिया मिलत मिलत मिल गयी तो गोरिया खिलत खिलत खिल गयी बिगड़ी बनट बनट बन गयी गोरिया मनत मनत मान गयी नज़रिया मिलत मिलत मिल गयी तो गोरिया खिलत खिलत खिल गयी ओ ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ओ ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हा ओ ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हा

Written by: AR Rahman, Javed AkhtarLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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