Dard Kafi Hai

Reshma

दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए मॉट मुलाज़िम हैं ज़िंदगी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए कौन मरता हैं यूँ किसी के लिए कौन मरता हैं यूँ किसी के लिए शम्मा जलती हैं रोशनी के लिए शम्मा जलती हैं रोशनी के लिए मॉट मुलाज़िम हैं ज़िंदगी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए किसको सजदा करूँ मैं सेहरा में किसको सजदा करूँ मैं सेहरा में दर ज़रुररी हैं बंदगी के लिए दर ज़रुररी हैं बंदगी के लिए मॉट मुलाज़िम हैं ज़िंदगी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए जो मसालते हैं फूलो को नहक़ जो मसालते हैं फूलो को नहक़ वो तरस जाएँगे कली के लिए वो तरस जाएँगे काली के लिए मॉट मुलाज़िम हैं ज़िंदगी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए अपने रंदू को आजमाले ए साक़ी अपने रंदू को आजमाले ए साक़ी जान दे देंगे के कशक़ि के लिए जान दे देंगे के कशक़ि के लिए मॉट मुलाज़िम हैं ज़िंदगी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए दर्द काफ़ी है बेखुदी के लिए

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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