Paagalpan

Shraddha Pandit, Raymond George

पागल पागल पागलपन पन पन पन पागल पागल पागलपन पन पन पन दीवानो को है कौन रोके जो यहा अब धरती से मिलके रहेगा असमा बड़ा मुश्किल है हम तक पहुँचना हमपे छाया है ओ जान-ए-मान पागलपन दीवानो को है कौन रोके जो यहा अब धरती से मिलके रहेगा असमा बड़ा मुश्किल है हम तक पहुँचना हमपे छाया है ओ जान-ए-मान पागलपन पागल पागल पागलपन पन पन पन पागलपन पन पन पन दीवार दुनिया उठाए हज़ारो लगाए भले लाख पहरे गुजरेगे इस रह से हम सनम, हम सनम, हम सनम आँधी हो चाहे तूफ़ान उड़ के, दिल के परीदे ना ठहरे करने लगा इनका मान, पागलपन पागलपन पागलपन दीवानो को है कौन रोके जो यहा अब धरती से मिलके रहेगा असमा बड़ा मुश्किल है हम तक पहुँचना हमपे छाया है ओ जान-ए-मान पागलपन फुलो को खुश्बू से बदल को बूंदो से कोई जुदा कर ना पाए बिच्छदेगे अब तो ना हम है कसम है कसम है कसम ओ सागर की बहती लहरे हमको कोई मिटा के दिखाए है आशिक़ो का मिलन पागलपन पागलपन पागलपन दीवानो को है कौन रोके जो यहा अब धरती से मिलके रहेगा असमा बड़ा मुश्किल है हम तक पहुँचना हमपे छाया है ओ जान-ए-मान पागलपन पागलपन पन पन पन पागलपन पन पन पन

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