Bahon Ke Darmiyan

Anweshaa, रमण महादेवन

बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ खुलते बंद होते लबों की ये अनकही आ हां हां खुलते बंद होते लबों की ये अनकही मुझसे कह रही हैं के बढ़ने दे बेखुदी मिल यूँ के दौड़ जाएँ नस नस में बिजलियाँ बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां आसमां को भी ये हसीं राज है पसंद आसमां को भी ये हसीं राज है पसंद उलझी उलझी साँसों की आवाज है पसंद मोती लूटा रही है सावन की बदलियाँ बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां

Written by: JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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