Kuch To Kaho
राहुल वैद्य, प्राजक्ता शुक्रे
कुछ तो कहो चुप ना रहो
दिल को ज़रा कहने तो दो हम्म
कुछ तो कहो चुप ना रहो
दिल को ज़रा कहने तो दो
मिट जायेंगी खामोशिया
दिल की सदा सुनने तो दो
कुछ तो कहो चुप ना रहो
दिल को ज़रा कहने तो दो
ला ला ला ल ल ला ल ल ला ला ला ला ला
तुम चाँदनी का आँचल सजा दो
सजा दूंगा
पलकों पे मेरी काजल सजा दो
सजा दूंगा
धड़कन के घुंगरू केहते है तुमसे
चाहत से अपनी हर पल सजा दो
सजा दूंगा
बहके हुए ये पल जो है
इनको ज़रा रुकने तो दो
कुछ तो कहो चुप ना रहो
दिल को ज़रा कहने तो दो
तुम्हे जान बनाकर मै दिल में बसा लू
बसा लो ना
लबो से तुम्हारी मै शबनम चुरा लूँ
चुरा लो ना
अरमान दिल के ये कहने लगे है
तुम्हे आज अपनी मै दुल्हन बना लूँ
बना लो ना
अब तक मोहब्बत का दरिया थमा था
उसको ज़रा बेहने तो दो
कुछ तो कहो चुप ना रहो
दिल को ज़रा कहने तो दो
मिट जायेंगी खामोशिया
दिल की सदा सुनने तो दो
कुछ तो कहो चुप ना रहो
दिल को ज़रा कहने तो दो
Written by: JALEES SHERWANI, PRAJAKTA, RAHUL VAIDYA, SAJID KHAN, SAJID WAJID, WAJID KHANLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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