करता नहीं तू क्यों मुझपे यकीन
क्यों मेरे दिल की तू सुनता नहीं
हम्म तेरे बगैर कितना तनहा सा हूँ
आलम ये दिल का तू समझे कभी
है पता ये तुझे
ना जी सकूँगा बिन तेरे
फिर भी क्यों मुझसे जुदा तू
तू ही है तू ही तो है
मेरा जूनून
तू ही है तू ही तो है
दिल का सुकून
तू ही है जिसके बिना मैं
जी न सकूँ
आ फिर जियें शामें वही
चल फिर वही हम बातें तेरी
बेचानियों के फिर सिलसिले हो
फिर दिल मेरा ये आहें भरे
ज्यादा नहीं तो थोड़ी सही
दे दे मुझे वो ही ज़िन्दगी
आ मेरे नज़दीक तू
ये फासले मुझको घेरे
है पता ये तुझे
ना जी सकूँगा बिन तेरे
फिर भी क्यों मुझसे जुदा तू
तू ही है तू ही तो है
मेरा जूनून
तू ही है तू ही तो है
दिल का सुकून
तू ही है जिसके बिना मैं
जी न सकूँ
कुबूल निगाहों की
ना हो वो दुआ
जिसमें यार के
प्यार की तलब न हो
हर दुआ में तू ही है
तू ही है
है ये पता जाना ही है
राहों से तेरी दूर मुझे
मुमकिन नहीं है मेरे लिए
पर भूलना ही होगा तुझे
इश्क के आगे है जो जहाँ
आ दिल ले चल मुझको वहां
जो बची मुझमें तेरी
उन खुशबूयों से तू कर रिहा
है तुझे अब मेरा
हाँ अलविदा अलविदा
फिर भी क्यों दिल कहता तू
तू ही है तू ही तो है
मेरा जूनून
तू ही है तू ही तो है
दिल का सुकून
तू ही है जिसके बिना मैं
जी न सकूँ
हेहे हेहे होहो होहो होहो रारारा
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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