Rehnuma

Rachit Agarwal

कोई शख्स है वो मेरी साँसों में बसी है कोई नूर है वो दिल के जख्मों को मरहम लगाये आती है मीठी सी बोल गाकर हँसाती रुलाती सीखती वो खो ना जाऊँ, राह दिखाती वो आ आ आ तुम पास आओ तो छुप जाए चाँद तारे अब दूर जाओ ना खता और ग़म भूलाके चलते रहें हरदम बांह से बांह मिला करके मेरी राहों की रेहनुमा तुम मेरी साँसों की रेहनुमा तुम मंज़िलो की हो रेहनुमा तुम भटका मुसाफिर था बे-ठिकाना सा चलता रहा इन खाली राहों पर तेरे क़दमों के निशान मिलता रहा मुश्किल सा था ये मेरा सफर तेरे आने से आसान हुआ अब जो चला हूँ तेरे संग पीछे कभी हूँ ना मुड़ा आ आ आ कैसी है ये सुकूं तेरा हँसाती रुलाती बताती वो मेरी खोयी हुई मुस्कान है वो आ आ आ तुम पास आओ तो छुप जाए चाँद तारे अब दूर जाओ ना खता और ग़म भूलाके चलते रहे हरदम बांह से बांह मिला करके मेरी राहों की रेहनुमा तुम मेरी साँसों की रेहनुमा तुम रेहनुमा हो तुम रेहनुमा

Written by: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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