Utth Ja Ziddi Re

Raghav Chaitanya, Pritam

पल जो थेहरा है ले के सेहरा है दो कदम पे ही ख़्वाब सुनहेरा है कल किसी का था आज ये तेरा है टेधे मेधे रास्तों से आगे बढ़ना जाना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे सोया सोया ख्वाबों को भी निंदों से जगना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे आधे आधे वड़ों को भी पूरा कर जाना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे हरी हरी आंखों को भी जीत से मिलाना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे तेरे कारवां की ये दास्तान: तोह हौले हौले समझौता ये जहान ओह ओह तुझे वस्ता दे सबको बता तू धीरे धीरे तेरी कहानी नापी तुली बातों को भी खुल के उड़ना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे जाली बुझी सांसों को भी फिर सुलगाना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे आधे आधे वड़ों को भी पूरा कर जाना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे ओह हरी हरी आंखों को भी जीत से मिलाना है रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा ज़िद्दी रे उत्त जा आ उत्त जा आ उत्त जा आ उत्त जा ज़िद्दी रे

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store