Agar Tum Saath Ho

Prajakta Shukre

पल भर ठहर जाओ, दिल ये सँभल जाये कैसे तुम्हें रोका करूँ मेरी तरफ़ आता हर ग़म फिसल जाये आँखों में तुमको भरूँ बिन बोले बाँतें तुमसे करूँ अगर तुम साथ हो अगर तुम साथ हो बहती रहती नहर नदियाँ सी तेरी दुनिया में मेरी दुनिया है तेरी चाहतों में मैं ढल जाती हूँ तेरी आदतों में अगर तुम साथ हो अगर तुम साथ हो तेरी नज़रों में है तेरे सपने तेरे सपनों में है नाराज़ी मुझे लगता है कि बातें दिल की होती लफ्जो की धोके बाज़ी तुम साथ हो या ना हो क्या फ़र्क़ है बेदर्द थी ज़िन्दगी बेदर्द है अगर तुम साथ हो अगर तुम साथ हो पलकें झपकते ही दिन ये निकल जाये बैठी बैठी भागी फिरूँ मेरी तरफ़ आता हर ग़म फिसल जाये आँखों में तुमको भरूँ बिन बोले बाँतें तुमसे करूँ अगर तुम साथ हो अगर तुम साथ हो तेरी नज़रों में है तेरे सपने तेरे सपनों में है नाराज़ी मुझे लगता है कि बातें दिल की होती लफ्जो की धोके बाज़ी तुम साथ हो या ना हो क्या फ़र्क़ है बेदर्द थी ज़िन्दगी बेदर्द है अगर तुम साथ हो अगर तुम साथ हो

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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