Mana Tujhi ko khuda

Hricha Narayan, नकाश अज़ीज़

तुझपे फ़ना मैं इस तरह हर पल तेरी ही तिश्नगी मेरा सुकून मेरा जूनून तू ही मेरी है हर ख़ुशी बस तुझी में मेहफ़ूज़ मेरा सारा वजूद तू ही मेरी ज़िन्दगी माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा हो हो हो हो हो हो हो हो लफ़्ज़ों की निशा कभी दिल की जुबां पर तू तले पलकों में पले अनकही है किसी कागज़ पर खुशबु सी बातें चली बहकर गुलशन ने कहा पत्तों से सुना तू उस है शबनमी माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा बंजर सा है दिल का शहर रिम झिम बरस जा चारो पहर रोशन दिल में लौ रात भर जलती बुझती तेरे नाम पर छेड़ा तूने मेरे दिल के तारों को यूँ इश्क़ लगे सरगमी माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा माना तुझी को खुदा होना न दिल से जुदा खुदा खुदा जुदा जुदा खुदा खुदा जुदा जुदा

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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