Bheegi Bheegi Raaton Mein

मौनी रॉय, नकाश अज़ीज़

तारा रु तारा रु तारा रु तारा रु तारा रु तारा रु भीगी भीगी रातों में मीठीमीठी बातों में (तारा रु) ऐसी बरसातों में कैसा लगता है (तारा रु) ऐसा लगता है तुम बनके बादल (तारा रु) मेरे बदन को भीगो के मुझे (तारा रु) छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो (तारा रु) ऐसा लगता है तुम बनके घटा (हा हा हा हा) अपने सजन को भीगो के खेल (हा हा हा हा) खेल रही हो हां खेल रही हो (हा हा हा हा) साँसे शरारत करने की इजाज़त क्यूँ माँग रही है (ना ना तारा रु) हो के ये बेसूत सारे हादे क्यूँ लाँग रही है (ना ना तारा रु) तुम घटा हो प्यासी ज़मीन हूँ मैं (ना ना तारा रु) भीगा के तार करने को घटा (ना ना तारा रु) इजाज़त क्यूँ माँग रही है (ना ना तारा रु) अंबर खेले होली ओय होय भीगी तोरी चोली हमजोली हमजोली अंबर खेले होली उइमा भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली हमजोली पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है हो पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है ऐसा लगता है तुम बनके घटा अपने सजन को भीगो के खेल खेल रही हो हां खेल रही हो ना ना ना परारा ना परारा तुरुरू हुनाना हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो ए बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूँ आ छुपा लूँ ए बरखा से बचा लूँ मुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूँ आ छुपा लूँ दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो (हा हा हा हा हा) उफ़ ये नज़ारा देखो कैसा लगता (हा हा हा हा हा) ऐसा लगता है कुछ हो जाएगा (ल ल ला ला ) मस्त पवन के यह झोके सैयां (ल ल ला न ना न ना) देख रहे हो देख रहे हो (ल ल ला न ना न ना) भीगी भीगी रातों में मीठीमीठी बातों में ऐसी बरसातों में कैसा लगता है ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भीगो के मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो (हां हां ) ना ना तारारा न ना ना तारारा सुकून जुनून की संगत क्यूँ माँग रही है (ना ना तारारा) साँसे शरारत करने की इजाज़त क्यूँ माँग रहे है (ना ना तारारा)

Written by: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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