साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
किसी से हम कुछ भी नहीं कहते
हमे तो है शिकवा मौसम से
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
सुनाता नहीं ज़माना
रही का अफसाना
रास्ता नया मंज़िल नयी
तनहा है दीवाना
किसी को क्या लेना फिर हमसे
हमे तो है शिकवा मौसम से
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
सीने में सुलगाये
शोला सा यह हवाएं
फिर भी अगर दिल से मेरे
दमन को वो बचाये
तो कोई क्यों बिजली बन चमके
हमे तो है शिकवा मौसम से
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
दिल देखिये हमारा
माँगा नहीं सहारा
इनको नहीं उनको नहीं
तुमको नहीं पुकारा
तो कोई क्यों उलझे थम थम के
हमे तो है शिकवा मौसम से
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
साथी है अलबेला
फिर भी कोई अकेला
Written by: Chitragupta, Majrooh SultanpuriLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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