Chand Si Mehbooba Ho Meri LoFi

Raahi, Mukesh

चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था ना रस्में हैं ना कसमें हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं ना रस्में हैं ना कसमें हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं इक सूरत भोली भाली है दो नैना सीधे सादे हैं दो नैना सीधे सादे हैं ऐसा ही रूप खयालों में था जैसा मैंने सोचा था, हाँ हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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