Mili Khak Mein Mohabbat
Ravi, मोहम्मद वकिल
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
जो थी आज तक हकीक़त, वही बन गयी फ़साना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
ये बहार कैसी आयी जो खिज़ां भी साथ लायी
ये बहार कैसी आयी जो खिज़ां भी साथ लायी
मैं कहाँ रहूँ चमन में, मेरा लुट गया ठिकाना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
मुझे रास्ता दिखाकर मेरे कारवां को लूटा
मुझे रास्ता दिखाकर मेरे कारवां को लूटा
इधर आ गले लगा लूं तुझे गरदिश-ए-ज़माना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
जो थी आज तक हकीक़त, वही बन गयी फ़साना
मिली ख़ाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना
Written by: Ravi, Shakeel BadayuniLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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