Door Rah Kar Na Karo Baat

Ravi, मोहम्मद वकिल

दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ याद रहे जाएगी यह रात करीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छुने की एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छुने की आज बस में नहीं जज़्बात करीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ सर्द झोंकों से भड़कते है बदन में शोले सर्द झोंकों से भड़कते है बदन में शोले जान ले लेगी ये बरसात करीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ इस कदर हमसे झिझकने की ज़रूरत क्या है इस कदर हमसे झिझकने की ज़रूरत क्या है ज़िंदगी भर का है अब साथ क़रीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ याद रहे जाएगी यह रात करीब आ जाओ दूर रह कर न करो बात करीब आ जाओ

Written by: LUDHIANVI SAHIR, Ravi, Sahir LudhianviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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