Tere Mere Beech Mein
मोहम्म्मद अज़ीज़, कविता कृष्णमूर्ति
हम हे तेरे
तुम हो मेरे
चल प्यार करेंगे
तेरे मेरे हो तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
ऐसे हे हम एक दिल ऐसे हे हम एक जान
ऐसे हे हम एक दिल ऐसे हे हम एक जान
होय तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
ज़ालिम अगर हे ज़माना तो गम क्या
ज़ालिम अगर हे ज़माना तो गम क्या
अपना मिलन हे जनम से जनम का
इन बाहो के पीछे आकर तोह देखे
ऐसा फसेगा की राह नहीं पायेगा
तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
पत्नी के अंग से पति को हटाने
पत्नी के अंग से पति को हटाने
कोण आएगा अपनी शामत बुलाने
ऐसी पड़ेगी के घर का भी रस्ता
रेह रेह कर सोचेगा याद नहीं आएगा
तेरे मेरे हो तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
होय तेरे मेरे हो तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
बलखा के नाचे हे घूँघट की रानी
लेहरा के डफली बजाये जवानी
बलखा के नाचे हे घूँघट की रानी
लेहरा के डफली बजाये जवानी
देखे कोई क्या करेगा वो अपना
जल जल के देखेगा और चला जायेगा
तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
ऐसे हे हम एक दिल
ऐसे हे हम एक जान
तेरे मेरे बिच में कौन आएगा
आएगा तो जगहा नहीं पायेगा
Written by: LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, MAJROOH SULTANPURI, PYARELAL RAMPRASAD SHARMALyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now