Chal Musafir Chal

मोहम्म्मद अज़ीज़

चल मुसाफ़िर चल कही कोई ठिकाना ढूंढ ले अपने जीने अपने मरने का बहाना ढूंढ ले चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल यादो के इस शहर से दूर यादो के इस शहर से दूर ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल आँख तेरी भर आई हैं याद किसी की आयी हैं आँख तेरी भर आई हैं याद किसी की आयी हैं छोटा बहुत ये जीवन हैं लम्बी बड़ी जूदयी है साल बराबर एक एक पल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल यादो के इस शहर से दूर ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल चल मुसाफ़िर चल (आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ) जब तक रख न हो जाये ग़म की आग में जलता जा जब तक रख न हो जाये ग़म की आग में जलता जा सर पर अपनी लाश उठा चलता जा बस चलता जा इस दुनिया से दूर निकल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल यादो के इस ज़हर से दूर ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल चल मुसाफ़िर चल

Written by: ANAND BAKSHI, LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, PYARELAL RAMPRASAD SHARMALyrics © Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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