Mohabbat Karo Khule Aam Karo

मोहम्म्मद अज़ीज़

मोहब्बत करो धिका न धिका न हा हा हा नफरत करो धिका न धिका न धिका न धिका न मोहब्बत करो खुले आम करो नफरत करो खुले आम करो जो अच्छा लगे वही काम करो जो काम करो खुले आम करो धिका न धिका न धिका न धिका न मोहब्बत करो खुले आम करो नफरत करो खुले आम करो जो अच्छा लगे वही काम करो जो काम करो खुले आम करो खुले आम करो भाई खुले आम करो काँटों में खिलता हुआ गुलाब नहीं छुपता अरे चिलमन में हुस्नो सबब नहीं छुपता काँटों में खिलता हुआ गुलाब नहीं छुपता चिलमन में हुस्नो सबब नहीं छुपता जान नहीं लेते हैं जानने वाले जो बनती है आँखें वो ख्वाब नहीं छुपता छुपाने का न इंतज़ाम करो अरे जो काम करो खुले आम करो धिका न धिका न धिका न धिका न मोहब्बत करो खुले आम करो नफरत करो खुले आम करो जो अच्छा लगे वही काम करो अरे जो काम करो खुले आम करो खुले आम करो भाई खुले आम करो ज़िंदा हूँ कैसे मैं जान छीन गयी हैं खामोश हैं दिल जुबा छीन गयी हैं ज़िंदा हूँ कैसे मैं जान छीन गयी हैं खामोश हैं दिल जुबा छीन गयी हैं कही उसकी यादें मुझे न मिटा दे चाहत की जो दास्ता छीन गयी हैं दास्ता छीन गयी हैं ह्म ह्म न यादो का खुद को गुलाम करो अरे जो काम करो खुले आम करो धिका न धिका न धिका न धिका न मोहब्बत करो खुले आम करो नफरत करो खुले आम करो जो अच्छा लगे वही काम करो अरे जो काम करो खुले आम करो खुले आम करो समझे खुले आम करो

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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