Raat Piya Ke Sang Jaagi Re Sakhi

Minoo Purushottam

रात पिया के संग जागी रे सखी रात पिया के संग जागी रे सखी चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी रात पिया के संग हं हं हं हं हं सैंयाँजी ने जादू फेरा सैंयाँजी ने जादू फेरा बाँहों का डाला घेरा करके ज़रा अन्धेरा अंचरा जो खैंचा मेरा गोद पिया की तंग लागी रे सखी गोद पिया की तंग लागी रे सखी चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी रात पिया के संग जागी ना सखी सैंयाँजी ने डाका डाला सैंयाँजी ने डाका डाला उलझा लटों में बाला बिखरी गले की माला भड़की बदन की ज्वाला देह धनुष रंग लागी रे सखी देह धनुष रंग लागी रे सखी चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी रात पिया के संग जागी रे सखी गजरा सुहाना टूटा गजरा सुहाना टूटा कजरा नयन का छूटा सब तन भया रे झूठा जितना सताया लूटा और भी बांके अंग लागी रे सखी और भी बांके अंग लागी रे सखी तन की छुपी तरंग जागी रे सखी तन की छुपी तरंग जागी रे सखी चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

Written by: Jaidev, Jan Nishar AkhtarLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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