Kal Bhi Man

Manhar Udhas

कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं जाने मेरी किसमत ने कैसा खेल खेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं ढूँढते हो तुम खुसबू कागज़े घुलाबो में ढूँढते हो तुम खुसबू कागज़े घुलाबो में प्यार सिर्फ़ मिलता हैं आज कल किताबों में प्यार सिर्फ़ मिलता हैं आज कल किताबों में ढूँढते हो तुम खुसबू कागज़े घुलाबो में प्यार सिर्फ़ मिलता हैं आज कल किताबों में रिश्ते नाते झूठे हैं स्वॉत का झमेला हैं जाने मेरी किसमत ने कैसा खेल खेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं ज़िंदगी के मंडप में हर खुशी कवरी हैं ज़िंदगी के मंडप में हर खुशी कवरी हैं किसे माँगने जाए हर कोई भिखारी हैं किसे माँगने जाए हर कोई भिखारी हैं ज़िंदगी के मंडप में हर खुशी कवरी हैं किसे माँगने जाए हर कोई भिखारी हैं कहता हो की आँखो में आँसू ओ का रेला हैं जाने मेरी किसमत ने कैसा खेल खेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं जाने मेरी किसमत ने कैसा खेल खेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं कल भी मान अकेला था आज भी अकेला हैं

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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