Jin Galiyon Mein

Manhar Udhas

चाँद सितारों से क्या पूछू अब दिन मेरे फिरते है वो तो बिचारे खुद है बिखरी डेरे डेरे फिरते है जिन गलियों में हुँने सुख की सेज पाइरेट के काटी थी जिन गलियों में हुँने सुख की सेज पाइरेट के काटी थी उन्न गलियो में व्याकुल हो कर सांज सवेरे फिरते है रूप स्वरूप की ज्योत जलना इस नागरी में ज़ोख़्म है रूप स्वरूप की ज्योत जलना इस नागरी में ज़ोख़्म है चारो कोट भबूले बन कर घोर अंधेरे फिरते है जिनकी शाम बदन च्चाए में मेरा मॅन सताया था अब तक आँखों के आयेज वो बाल घने रे फिरते है जिन गलियों में हुँने सुख की सेज पाइरेट के काटी थी इक दिन उसने नैन मिलके शर्माके मुख मोड़ा था इक दिन उसने नैन मिलके शर्माके मुख मोड़ा था तब से सुंदर सुंदर सपने मॅन को घेरे फिरते हैं इश्स नागरी की बाग और बन की यारो लीला न्यारी हैं पांच्ची अपने सर पे भा कर अपने बसेरे फिरते हैं जिन गलियों में हुँने सुख की सेज पाइरेट के काटी थी उन्न गलियो में व्याकुल हो कर सांज सवेरे फिरते है सांज सवेरे फिरते है सांज सवेरे फिरते है

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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