Jahan Zindagi Ka

Manhar Udhas

जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ मेरा होसला देखा ले तू भी ज़ालिम उठा कर भी घाम मुश्कूराने चला हूँ मेरा होसला देखा ले तू भी ज़ालिम उठा कर भी घाम मुश्कूराने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ हसीनो वो गलिया भी तक जवान हैं जहाँ में जवानी लूटने चला हूँ हसीनो वो गलिया भी तक जवान हैं जहाँ में जवानी लूटने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गयी हैं मैं शमाए मोहब्बत जलाने चला हूँ उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गयी हैं मैं शमाए मोहब्बत जलाने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ वो रूठे हैं उनको मानने चला हूँ जहाँ ज़िंदगी का बसने चला हूँ.

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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