Laaj Rakho Girdhari

Lata Mangeshkar

मेरी लाज राखो गिरधारी लाज राखो गिरधारी मेरी लाज राखो गिरधारी मेरी लाज रख गिरधारी में लाख जतन कर हरी रे लाज राखो गिरधारी मेरी लाज राखो गिरधारी बहुत सहा अब सहा न जाए और किसी से कहा न जाये चरणो में दो अश्रु चढाने आई शरण तिहारी आई शरण तिहारी रे लाज राखो गिरधारी रे मेरी लाज राखो गिरधारी सूनी कोख कलंक बन गयी मधुर तृष्टि क्यों डांक बन गयी क्यों माँ का मन दिया मुझे दी आँचल में चिंगारी आँचल में चिंगारी रे लाज राखो गिरधारी मेरी लाज राखो गिरधारी चिरंजीव हो नंदा कन्हैया रहे शीश पर सुख की चैया मैं न रहूँ पर रहे खेल का घर आंगन बनवारी घर आंगन बनवारी रे लाज राखो गिरधारी मेरी लाज राखो गिरधारी

Written by: Narendra Sharma, Sudhir PhadkeLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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