Hum Tum Hum Tum

ललित पंडित

हे या हे हे आ आ आ हम तुम हम तुम गुमसुम गुमसुम जागे जागे सोये सोये बेताबी मे खोए खोए खोए (या यि या यि)(खोए खोए) छोड़ के सारे जहाँ को आये कहा हम तुम हम तुम गुमसुम गुमसुम जागे जागे सोये सोये बेताबी मे खोए खोए (या यि या यि)(खोए खोए) छोड़ के सारे जहाँ को आये कहा ख्वाबो में खयालो में है मंजर जवान जवान तू ही तू वह जाने जा निगाहो के दर्मिया हम तुम हम तुम गुमसुम गुमसुम जागे जागे सोये सोये बेताबी मे खोए खोए (या यि या यि)(खोए खोए) छोड़ के सारे जहाँ को आये कहा हे या हे हे आ आ आ आहो में पनाहो मे छुपी हे बेताबिया हो मिलके भी लगे है यु कटे ना तनहाईयाँ हम तुम हम तुम गुमसुम गुमसुम जागे जागे सोये सोये बेताबी मे खोए खोए (या यि या यि)(खोए खोए) छोड़ के सारे जहाँ को आये कहा आ आ आ आ आ आ

Written by: PANDIT LALITRAJ PRATAPNARAYAN, SAMEER LALJI ANJAANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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