यादों के पुराने एल्बम में
छुपा के रखे हैं हमने वो दिन
हम्म गुल्लक में, पड़ी चवन्नी सी
बचा के रखे हैं हमने वो दिन
ना किसी मंजिल की फिकर थी
ज़िन्दगी जीने की उम्र थी
दोस्ती और दोस्तों से उधार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ व वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ व वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ व वो दिन भी क्या दिन थे
बिगड़े हुए इंसान थे
शैतान की संतान थे
हम्म लेकिन ब्रोदर जो भी कहो
वो यार ही, तो जान थे
कॉलेज की कुड़ी से
करने आँखें चार के दिन थे
आये ज़िन्दगी में पहले पहले
प्यार के दिन थे हे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो वो दिन भी क्या दिन थे
करना मना थे काम जो
हमने किया हर काम वो
हम जिनकी नहीं थी परमिशन
सारे किये, इंतेज़ाम वो
हम्म खर बूजों को खरबूजों की
मिली सी संगत के अपने वो दिन
होओ जीवन पे चढ़ी जवानी की
नई सी रंगत के अपने वो दिन
याद है फिल्मों के पुराने, R D Barman के वो गाने
बैंड के कीबोर्ड के और गिटार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे वोओ वो
वो दिन भी क्या दिन थे वोओ वो
वो दिन भी क्या दिन थे वोओ वो
वो दिन भी क्या दिन थे वोओ वो
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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